अनारक्षित वर्ग को हो रहा है उससे भी कई गुना अधिक नुकसान आरक्षित वर्ग को हो रहा है, इस आरक्षण का लाभ आरक्षित वर्ग के पूंजीपति लोग(2%) पिछले 64 साल से लगातार उठा रहे है, वो दूसरे लोगों (98%) को मौका ही नहीं मिलने देते और सबसे बड़ा नुकसान गुणवत्ता की कीमत पर, इन दोनों वर्गो से मिलकर बनी इकाई इस "राष्ट्र" को हो रहा है । इस बात को हर पल पूरी जागरूकता से ध्यान में रखें तभी राष्ट्र का कल्याण संभव है । लेकिन आरक्षण के रहते इस देश को संगठित करना असंभव है! अब आरक्षण के राजनीतिकरण से देश की एकता और अखंडता को खतरा
उत्पन्न हो रहा है, इस सामाजिक बुराई को ख़त्म करने के लिए हम सबको आगे आना होगा! इस मौके पर प्रवक्ता दीपक गौड़ ने आरक्षण को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि कबतक ये राजनेतिक पार्टियाँ देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटती रहेंगी!
अब समय आ गया है कि इस जाति और धर्म के नाम पर हमें बांटने वालों का इंडिया के हर एक जागरूक नागरिक को खुलकर विरोध करना चाहिए ! किसी भी
आधार पर आरक्षण देना संबिधान कि मूल भावना यानि समानता के अवसर की गारंटी का खुला उलंघन है, सामाजिक न्याय के खिलाफ है, या यूँ कहें संबिधान की मूल भावना का अपमान है, देश की सरकारें पिछले 64 सालों से योग्यता के साथ धोखा करके उनका हक़ छीनती आई है जिसे अब कतई बर्दास्त नहीं किया जायेगा! दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष यूएस राणा ने कहा कि हम आरक्षण का अंत कर आने वाली पीठी का भविष्य सुधारना चाहते है और उन्हें एक आरक्षण मुक्त, योग्य भारत देंगे! यह आन्दोलन सभी युवाओं के सहयोग से ही सफल बनाया जा सकता है, इसलिए वे अ
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नी सक्रिय भागीदारी लगातार रखें! इस कैंडल मार्च में आल इंडिया
पंजाबी एकता मंच के अध्यक्ष इन्द्रजीत कालिया, शिवदत्त वशिष्ठ, प्रदीप शांडिल्य, मनीष अत्री, आर के शर्मा, विजय पाल शर्मा, बालेश्वर पाठक, ठाकुर गोपाल राणा, पंकज त्रेहन, प्रेमचंद शर्मा, नितिन निचोडिया, राम मिश्रा, आनंद कुमार मिश्रा, सतीश भरद्वाज, रंजन मिश्रा, हेमंत मिश्रा, पवन मिश्रा, हरेन्द्र विक्रम सिंह, नितेश मिश्रा, रोहित सिंह चौहान, धीरज शुक्ला देवराज चौहान सहित हजारों लोग मौजूद थे!